प्रदूषण
बचपन में हम जब भी गर्मी की छुट्टियों में अपने दादी-नानी के घर जाते थे, तो हर जगह हरियाली ही हरियाली फैली होती थी। हरे-भरे बाग-बगिचों में खेलना बहुत अच्छा लगता था। चिड़ियों की चहचहाहट सुनना बहुत अच्छा लगता था। अब वैसा दृश्य कहीं दिखाई नहीं देता।प्रदूषण के प्रकार- जल प्रदूषण,वायु प्रदूषण,वाहनों का अत्याधिक इस्तेमाल
प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए हमें जागरूकता फैलाने की जरूरत है, इसके लिए जगह-जगह पर शिविर लगाए जाने चाहिए और एकजुट होकर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए और वाहनों का जितना हो सके कम इस्तेमाल करना चाहिए । हमे देश को सुंदर बनाना है ।
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