Curious logo

Dear Curious Readers, No new content will be published for the next few months due to website changes.

 

My Expressions

हिंदी दिवस: 14 सितंबर 1949 का वह ऐतिहासिक दिन

संविधान सभा ने भारत के संविधान की रचना के क्रम में 12 से 14 सितंबर 1949 के दौरान जब राजभाषा के प्रश्न पर विचार किया तो सदन के वातावरण में उत्तेजना व्याप्त थी। संघ की राजभाषा क्या हो, यह प्रश्न संविधान के सबसे संवेदनशील बिंदुओं में से एक था।

इसीलिए सभापति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने प्रारंभ में ही विचार विमर्श के लिए एक लक्ष्मण रेखा सी खींचते हुए वक्ताओं को चेताया था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भाषा के संबंध में जो भी निर्णय होगा, समूचे राष्ट्र को उसे लागू करना होगा।

पूरे संविधान में भाषा को छोड़कर ऐसा एक भी विषय नहीं है, जिसे दिन प्रतिदिन लागू करने की जरूरत पड़े। अत: यह याद रखें कि सदन का निर्णय समूचे राष्ट्र को स्वीकार्य होना चाहिए।यहां महज बहुमत-अल्पमत से निर्णय लेने भर से काम नहीं चलेगा।

इसीलिए संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को सर्वसम्मति से हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। स्वाधीनता आंदोलन की प्रमुख भाषा होने के कारण हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि उसकी आत्मा की भाषा भी बन चुकी थी।

  (Please login to give a Curious Clap to your friend.)


 

SignUp to Participate Now! Win Certifiates and Prizes.

 

अपर्णा शर्मा

हिंदी अध्यापिका, डी.एल.डी.ए.वी. मॉडल स्कूल शालीमार बाग, दिल्ली

Share your comment!

Login/Signup