Curious logo
 

My Expressions
Rules for Post Submission

Papa

तेरी उंगली थाम कर,
चलना है सीखा मैंनेI
जब भी कही लड़खड़ाई,
सहारा दिया है तूने II

माँ के ममत्व से तो है
जग सारा परिचित I
पर क्यों तुम्हारी मुहोब्बत को,
है पहचाना किसे ने नहीं II
चाहे पापा बोलू, या बोलू पिता जी,
चाहे बोलू बाबा या फिर डैडी
मेरा प्यार तुम्हारे प्रति,
कहा कम होने लगा ?

यह कविता तो बहुत,
बहुत लघु हैI
शब्दों और भावो का प्रकोप कई ज़्यादाI
तुम्हारे लिए लिखने लगी,
तो शायद यह जन्म,
भी कम न पड़ जाए II

HAPPY FATHER’S DAY, PAPA

  (Please login to give a Curious Clap to your friend.)


 

SignUp to Participate Now! Win Certifiates and Prizes.

 

Aadya Parashar

9, VIVEK HIGH SCHOOL, Mohali, Punjab

Share your comment!

Login/Signup