ख़ुशी
रास्ते पर चलती हैँ गाड़ियाँ,
अपने जगह से हिलते नहीं पहाड़ियाँ,
अपने ईमान को हिलने ना देना,
देखकर रिश्वत के गड्डीयाँ I
पेड़ो पर मछलीयाँ होते नहीं,
पानी में आदमी रहता नहीं,
ज़मीन पर रहता है इंसान,
हर वक़्त परेशान I
रब ने बनाया यह ज़मीन आसमान,
यह जानवर और इंसान,
मिटा दो दिलों से नफरत,
यह तुम्हारा तुमपर ही होगा एहसान I
किसी का भी दिल ना दुखायिऐ,
अपने गुनाह से तौबा कर लीजिए,
किसी दुखी को हंसायिऐ,
अपने रब को कभी ना भुलायिऐ I
जात, प्रांत, और मुल्क सब अपनी जगह,
यह नहीं होनी चाहिए लड़ने की वजह,
अनवरी को बस इतना है कहना,
हमेशा ख़ुशी से सब मिल-झूल कर रहना I
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