‘दीवाली और पटाखा’
आओ जानें -क्यों न जलाए पटाखे?
धरती माँ हम सब की माँ है|
इससे हमको करना प्रेम,
वृक्षारोपण कर के ढेरों, माँ को
पहुंचाओ कुशल और क्षेम|
पटाखों के अंदर का रसायन,
माँ की सुंदरता को छीने
हम बच्चे इस धरती माँ के,
कैसे इसको कष्ट में देखें?
चलो मिलें और निर्णय ले लें,
नहीं करेंगे, प्रकृति प्रदूषित
अणु-बमों को बिना जलाए,
प्रेम भाव से पर्व मनाएँ|
माँ पृथ्वी आशीष भी देगी,
सुख-शांति चहुं ओर बढ़ेगी|
शुभ-कामनाओं सहित—
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