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My Expressions
Rules for Post Submission

Periods

अपना परिचय कैसे दू किसी परिचय का मोहताज नहीं
हर लड़की के साथ हु मै कोई छिपाने वाला राज़ नहीं

पहली मर्तबा महसूस कर मुझे लड़की बड़ी घबराती है
लाल लहू को देख वो माँ माँ चिल्लाती है

पीछे बेटी के निशान देख माँ सब समझ जाती है
संग उसे ले अपने वो ध्यान से बतलाती है

यह होना स्वाभाविक है तुझे इसका ज्ञात नहीं
डरती क्यों है पगली डरने वाली कोई बात नहीं
हर औरत को होता है
हर औरत हर लड़की को होता है बस तेरा पहली बार है
यह तो कुदरत का नियम है बेटी इसमें तेरा कोई हाथ नहीं
माँ को ज्ञात है मेरे आगमन की बात है

लड़की के असल जीवन की महत्वपूर्ण यह शुरुवात है
मुझसे परिचित होना हर लड़की का अधिकार है
क्योंकि उनकी मुझसे अब होनी मुलाकातें बार बार है
मै जिस लड़की को आता हु उसको अछूत बताते हो
अगर छू ले वो किसी को तो तुम उसे बड़ा सताते हो
कमरे की चौखट पार नहीं करनी यह कह कह कर तुम उसे सताते हो

हां माना मै दर्द भी अपने साथ बहुत से लाता हूँ
कभी खून से कभी cramp से तुम्हे बड़ा सताता हूँ
पर एक बात यद् रखना बस इतना सा मै कहता हूँ
जीवन की हर कठिनाई सेह लो इस लायक तुम्हे बनाता हूँ

मेरे आने की सोच से ही लड़कियाँ सहम सी जाती हैं
मेरे आते ही उनके चारों और बंदिशों की अनचाही लकीरें जो खिँच जाती है
अब तक तो तुम्हारा उनके बिना एक पल भी गुज़रता नहीं
और मेरे आते ही वही तुम्हारी मंज़िलो की रुकावट कैसे बन जाती है

हाँ मैं PERIODS हूँ
हर लड़की के साथ में आता हूँ
अपने अस्तित्व को अपनाने न मई कभी शर्माता हूँ

तो तुम क्यों मेरे आने पर खुद को अपाहिज बनती हो
अरे और कोई नहीं तो क्या मई तो तुम्हे अपनाता हूँ
मई साथ हु तो तुम्हारा मंदिरो में भी प्रवेश निषेध है
और मेरे होने पर तुम्हे अपवित्र कहता है समाज इसका मुझे बड़ा खेद है

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Ansh Singhal

10, DLDAV Model School Shalimar Bagh, India, Delhi

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