शिक्षा का दीप
शिक्षा का दीप लिए कर में
इस अंधकार पूरित मग में
संकल्प संजोए पग- पग में
तुम आगे बढ़ते जाते हो
उजियारा करते जाते हो।
है ज्ञान रूप तेरा स्वरूप
ठहरेगा कब तक तम विरूप
निखरेगा रह – रह और रूप
तुम जैसे तपते जाते हो
उजियारा करते जाते हो ।
ज्ञानदान का महायज्ञ यह
हो जीवन का महापर्व यह
बने हमारा समय गर्व यह
तुम दीप जलाते जाते हो
उजियारा करते जाते हो ।।
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